तेरे आगे रोयें अब इतने भी बेगैरत नहीं हैं हम। मुझे इस तरह तड़पाना तुझे अच्छा लगता हे, भूल जब हो गई हमसे तो जो बनता था फाइन दे दिया अपन�
Article Under Review
Article Under Review
तेरे आगे रोयें अब इतने भी बेगैरत नहीं हैं हम। मुझे इस तरह तड़पाना तुझे अच्छा लगता हे, भूल जब हो गई हमसे तो जो बनता था फाइन दे दिया अपन�
Article Under Review